Lies of the owners and administration exposed through pamphlets and posters throughout the city Workers launch a mass contact programme to garner support of workers, employees and citizens in Gorakhpur city and Eastern UP Condemnation pours in from India and abroad on a new petition to UP CM Ms. Mayawati…
राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर मजदूर आंदोलन के दमन की निंदा, मायावती के नाम ऑनलाइन अपील जारी की
गोरखपुर में 3 मई के गोलीकांड के दोषियों की गिरफ्तारी और अन्य मांगों को लेकर 16 मई से भूख हड़ताल पर बैठे मजदूर 20 मई को जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे तो पुलिस ने उन पर बर्बर लाठीचार्ज करके 73 मजदूरों को हिरासत में लिया था जिनमें से अधिकांश मजदूर देर रात छोड़ दिए गए थे लेकिन बीएचयू की छात्रा श्वेता, स्त्री मजदूर सुशीला देवी और अन्य 12 को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस 20 तारीख को दिन में ही मजदूर नेता तपीश मैंदोला को किसी अन्य स्थान से उठा ले गई थी और अगले दिन कोर्ट में उनकी पेशी से पहले तक तपिश की गिरफ्तारी से इंकार करती रही। बाद में दोपहर को अचानक तपिश को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया गया। सभी मजदूर नेताओं पर पुलिस ने तीन-तीन फर्जी मुकदमे दायर किए हैं। जेल भेजे गए सभी 14 मजदूर नेताओं ने जेल में आमरण-अनशन शुरू कर दिया है। इनमें से श्वेता और सुशीला देवी पिछले 6 दिन से आमरण अनशन पर हैं जिसके कारण उनकी हालत लगातार बिगड़ रही है। इसके बावजूद उन्होंने जेल में भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है। दो मुकदमों में दोनों को जमानत मिलने के बावजूद पुलिस द्वारा दायर किए गए तीसरे मुकदमे में उन्हें जमानत नहीं मिली थी।
14 मजदूर नेताओं ने जेल में आमरण अनशन जारी रखा
मजदूरों या उनके प्रतिनिधियों को सूचना दिए बिना ही निपटा ली गई एकतरफा वार्ता निकाले गए 18 मजदूरों को काम पर वापस रखने की मजदूरों की मुख्य मांग पर चर्चा तक नहीं हुई फैक्ट फाइंडिंग टीम की जांच पूरी, प्रथम दृष्टया प्रशासन की भूमिका को नकारात्मक बताया नई दिल्ली, 22…
गोरखपुर गोलीकांड : फर्जी आरोप में 12 मजदूर नेताओं को जेल भेजा
21 मई। आज गोरखपुर की पुलिस और प्रशासन ने मालिकपरस्त अंधेरगर्दी की नई मिसाल कायम कर दी। लेकिन पुलिसिया दमन के बावजूद मजदूर अपना सत्याग्रह विभिन्न रूपों में जारी रखे रहे। 3 मई के गोलीकांड के दोषियों की गिरफ्तारी और अन्य मांगों को लेकर 16 मई से भूख हड़ताल पर बैठे मजदूर कल, 20 मई को, जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञापन देने जा रहे थे तो पुलिस ने उन पर बर्बर लाठीचार्ज करके 73 मजदूरों को हिरासत में लिया था जिनमें से अधिकांश मजदूर देर रात छोड़ दिए गए थे लेकिन बीएचयू की छात्रा श्वेता, स्त्री मजदूर सुशीला देवी और अन्य 12 को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस कल दिन में ही मजदूर नेता तपीश मैंदोला को किसी अन्य स्थान से उठा ले गई थी और आज सुबह तक तपिश की गिरफ्तारी से इंकार करती रही। बाद में दोपहर को अचानक तपीश को अदालत में पेश कर दिया गया। सभी मजदूर नेताओं पर पुलिस ने धारा 309 के तहत आत्महत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है। यह अपने आपमें हास्यास्पद है क्योंकि इनमें से अधिकांश तो अनशन पर बैठै ही नहीं थे। श्वेता तथा सुशीला देवी, जिनका स्वास्थ्य पांच दिन की भूख हड़ताल के बाद बिगड़ रहा था, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। बाकी 12 मजदूरों को जेल भेज दिया गया है। मजदूर नेताओं ने जेल में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
Gorakhpur: 12 labour leaders sent to jail on false charges
Maya’s reign turned into reign of terror: Police chase out labourers throughout the day The labour leaders start fast-unto-death in jail New Delhi, 21 May. Today police and administration created a new record of pro-factory owner misrule. But despite the police repression, workers continued their satyagrah. When the workers who…
गोरखपुर में मजदूरों पर लाठीचार्ज, 25 बुरी तरह घायल, मजदूर नेता सहित 73 मजदूर गिरफ्तार
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मजदूर नेता तपीश का कहीं अता-पता नहीं प्रशासन पूरी तरह मालिकान के पक्ष में-मांगों पर कोई बातचीत नहीं, भूख हड़तालियों को हटाने और आंदोलन के दमन पर तुला प्रशासन पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की जांच टीम गोरखपुर पहुंची गोरखपुर, 20 मई। गोरखपुर में 16 मई से शुरू हुए…