केजरीवाल सरकार शुरू से ही सरकार गिर जाने का मौका तलाश रही थी क्योंकि ‘केजरीवाल एण्ड पार्टी’ को पता था कि सरकार बनते ही असलियत उजागर हो जायेगी! इस्तीफ़ा-नौटंकी के बाद अब केजरीवाल ‘कुरबानी और शहादत’ का मीडिया ड्रामा करेंगे और जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास करेंगे। हमें समझने की ज़रूरत है कि केजरीवाल की ‘आप’ और कांग्रेस, भाजपा व अन्य चुनावी पार्टियों में कोई अन्तर नहीं है। जब भी पूरी व्यवस्था और उसे चलाने वाली तमाम लुटेरी चुनावी पार्टियाँ बिल्कुल नंगी हो जाती हैं, तो व्यवस्था को किसी ‘श्रीमान सुथरा’ की ज़रूरत होती है। पहले इस ज़रूरत को मोरारजी देसाई सरकार ने पूरा किया था। आज इस ज़रूरत को ‘केजरीवाल एण्ड पार्टी’ पूरा कर रही है। ऐसा न हो तो जनता व्यवस्था की चौहद्दियों को तोड़ने और बग़ावत व इंक़लाब के बारे में सोच सकती है! इसलिए लुटेरी व्यवस्था को कोई ऐसा नौटंकीबाज़ चाहिए होता है जो अपने आपको ‘ईमानदारी का बुत’ बताये, कुछ गर्म बातें व कुछ प्रतीकात्मक हरक़तें करे, सेफ्टीवॉल्व (केजरीवॉल्व?!) के समान जनता के गुस्से को कारपोरेट मीडिया की सीटी बजा-बजाकर निकाल दे व व्यवस्था के प्रेशर कुकर को फटने से बचा ले! कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा, माकपा, भाकपा, जदयू आदि जैसी खुली लुटेरी पार्टियाँ सामने फन काढ़े नाग के समान हैं, लेकिन ‘आम आदमी पार्टी’ घास में छिपे ज़हरीले साँप के समान है। बेहतर है कि हम डसे जाने से पहले समझ लें और अपना इंक़लाबी विकल्प खड़ा करने का काम शुरू करें!
Thousands of workers stage demonstration at Delhi secretariat for enacting Contract System abolition Act
Kejriwal government’s character has been exposed today. It is totally against workers. The Aam Aadmi Party is now publically turning its face away from the promises it had made in the election manifesto. To escape from the promise of abolishing the contract labour system, Kejriwal government has formed a committee which will carry out investigation on contract labour. Delhi government already has all the information about the contract labourers of Delhi. Nothing is left to be investigated at this point. What Kejriwal government had to do was to enact a contract labour system abolition legislation in Delhi as against a weak central act. But instead it has chosen to take the beaten path of forming committees. It in itself shows that the Kejriwal government’s promise to abolish the contract labour system was a betrayal with the labourers.
ठेका प्रथा उन्मूलन विधेयक पारित कराने के लिए दिल्ली सचिवालय पर हज़ारों मज़दूरों का विशाल प्रदर्शन
आज केजरीवाल सरकार का चरित्र साफ़ हो गया है। यह पूर्ण रूप से मज़दूर विरोधी है। अपने चुनावी घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी ने मज़दूरों से जो-जो वायदे किये थे, वह अब उनसे खुलेआम मुकर रही है। ठेका प्रथा ख़ात्मे के काम से बचने के लिए केजरीवाल सरकार ने एक समिति का गठन किया है जो कि ठेका मज़दूरी पर जाँच करेगी। दिल्ली सरकार के पास पहले ही दिल्ली के ठेका मज़दूरों के बारे में पूरी सूचना है। अब जाँच करने के लिए कुछ भी नहीं है। केजरीवाल सरकार को जो करना था वह यह था कि कमज़ोर केन्द्रीय एक्ट के बरक्स दिल्ली राज्य में एक अलग ठेका प्रथा उन्मूलन विधेयक पारित करवाया जाय। लेकिन इसकी बजाय ‘कमेटी-कमेटी’ का खेल खेला जा रहा है। इसी से पता चलता है कि मज़दूरों से ठेका प्रथा के उन्मूलन का केजरीवाल सरकार का वायदा मज़दूरों के साथ एक धोखा था।
केजरीवाल की पार्टी की गुण्डागर्दी का विरोध करें, इनके असली चेहरे को पहचानें, दिल्ली के मज़दूरों की न्यायसंगत माँगों का पुरजोर समर्थन करें!
इस आन्दोलन से आम आदमी पार्टी को इतनी बौखलाहट क्यों है कि आन्दोलन की अभियान टोलियों के साथ जगह-जगह उनके कार्यकर्ता उलझ रहे हैं, गाली-गलौज कर रहे हैं और पर्चे जला रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से उत्तर-पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र में लगभग हर रोज़ ‘आप’ के कार्यकर्ताओं ने अभियान टोली के साथ बदसलूकी की, प्रचार सभाओं में बाधा पैदा करके मज़दूरों को तितर-बितर करने की कोशिश की। एक दिन एक प्रचार टोली से पर्चे छीन कर जलाये। यहाँ तक कि शाहाबाद डेयरी स्थित जिस शहीद भगतसिंह पुस्तकालय में स्त्री और पुरुष मज़दूरों की मीटिंगें और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करते हैं, रात में उसका बोर्ड कुछ लोग उतार ले गये। फिर वहाँ पत्थरबाजी भी की गयी। कल शाम को गाड़ी में सवार पीकर धुत्त ‘आप’ पार्टी के कुछ लोगों ने बादली में प्रचार टोली की स्त्री सदस्यों के साथ गाली-गलौज की और धमकियाँ दीं, फिर मज़दूरों के इकट्ठा होने पर वे वहाँ से चले गये!पहली बात, यही वह लोकतांत्रिक संस्कृति है, जिसकी केजरीवाल, सिसोदिया और योगेन्द्र यादव दुहाई देते नहीं थकते? मज़दूरों के नितान्त शान्तिपूर्ण आन्दोलन से इतनी बौखलाहट क्यों? आखिर मज़दूर माँग ही क्या रहे हैं? उनका मात्र इतना कहना है कि केजरीवाल ने मज़दूरों से जो वायदे किये थे, उन्हें पूरा करने के बारे में कुछ तो बोलें! वे तो सत्तासीन होने के बाद साँस-डकार ही नहीं ले रहे हैं।
घरों, झुग्गियों, बस्तियों, कारखानों से निकलो, चलो दिल्ली सचिवालय!
आज सुबह से ही उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने मज़दूर मांगपत्रक आंदोलन के तहत अलग-अलग टोलियां बनाकर बाहरी दिल्ली के शाहाबाद डेयरी के डी, ई और एफ ब्लॉक की झुग्गी बस्तियों में तथा भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में गोलचक्क्र के पास प्रचार किया। कार्यकर्ताओं ने दिहाड़ी मज़दूरों, ठेका मज़दूरों, स्त्री मज़दूरों, झुग्गीवासियों का आह्वान करते हुए उन्हें कल यानी 6 फरवरी को सुबह 11 बजे भारी तादाद में दिल्ली सचिवालय पहुंचने के लिए कहा। विगत एक माह से निरंतर प्रचार के कारण उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की अधिकांश मेहनतकश आबादी को इस आंदोलन के बारे में पता है और वे इसका व्यापक समर्थन कर रहे हैं।
6 फरवरी,11 बजे चलो दिल्ली सचिवालय। मेहनतकश ने जान लिया है हक लेना ठान लिया है।
आज करावल नगर, खजूरी खास और वजीरपुर में दिल्ली मजदूर यूनियन ने रिक्शे पर माइक टांग कर मजदूर मांगपत्रक आन्दोलन के तहत जुटान अभियान चलाया।
बाहरी दिल्ली में शाम को भी प्रचार-वाहन से प्रचार व जनसंपर्क
आज शाम को मज़दूर मांगपत्रक आन्दोलन के तहत उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने रोहिणी के सेक्टर 26 व 27 की बस्तियों में प्रचार-वाहन से प्रचार किया व पर्चे बांटे। इसके अलावा नरेला औद्योगिक क्षेत्र के शाहपुर गढ़ी इलाके में जनसंपर्क किया और ‘6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलो’ का आह्वान करने वाला पर्चा वितरित किया गया। सेक्टर-27, रोहिणी की बस्ती में प्रचार-वाहन द्वारा प्रचार करते समय नशे में धुत कार सवार ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने अभियान के कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज की। उन्होंने स्त्री मज़दूर संगठन की महिला साथियों से भी बदसलूकी की, बाद में विवाद बढ़ने पर अभियान के समर्थन में आसपास की व्यापक मज़दूर आबादी को एकजुट होते देख वे ‘आप’ कार्यकर्ता वहां गाली-गलौज करते और धमकियां देते हुए निकल गए। इसके बाद प्रचार-वाहन और अभियान के कार्यकर्ता आगे बढ़ गए और पूरी बस्ती में सघन प्रचार व पर्चा वितरण किया।
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में सड़कों पर उतरे प्रचार-वाहन
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन तथा स्त्री मज़दूर संगठन द्वारा चलाए जा रहे मज़दूर मांगपत्रक आंदोलन के तहत आज इस इलाके की व्यापक मज़दूर आबादी से अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में आगामी 6 फरवरी को लाखों की संख्या में दिल्ली सचिवालय पहुंचने का आह्वान किया गया। इसमें मुख्यत: समयपुर बादली औद्योगिक क्षेत्र, बवाना औद्योगिक क्षेत्र, नरेला-भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र आदि शामिल हैं। समयपुर बादली में संजय कालोनी, सूरजपार्क, गड्ढा बस्ती तथा राजा विहार में और नरेला औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न ब्लॉकों, शाहपुर गढ़ी आदि क्षेत्रों में प्रचार-वाहन को बैनर, पोस्टर, लाल झण्डों से सजाकर माइक लगाकर सघन और गहन प्रचार चलाया गया।
समयपुर बादली के लेबर चौक और संजय कॉलोनी में प्रचार
लेबर चौक पर काम की तलाश में निकले मज़दूर सुबह कुछ नौजवानों को सिर पर और बाजुओं पर लाल पट्टी बांधे नारे लगाते देखकर पहले तो कुछ चौंक-से गए, लेकिन जब साथियों ने अपनी बात रखी और पर्चा बांटना शुरू किया तो चारों और मज़दूर इकट्ठा हो गए और पुरजोर तरीके से मज़दूरों की एकजुटता पर जोर दिया। इसके बाद यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के कार्यकर्ता संजय कॉलोनी पहुंचे, जहां के हालात अन्य किसी भी उपेक्षित बस्ती से बहुत अलग नहीं थे। यहां भी बीच-बीच में सभाएं की गयीं और घर-घर जाकर ‘6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलो’ अभियान के बारे में बताया गया। आज भी प्रचार अभियान के दौरान ‘आप’ के दो कार्यकर्ताओं से झड़प हुई जिससे साथियों ने विनम्रतापूर्वक अपनी बात कहकर टाल दिया। प्रचार अभियान के बाद कई मज़दूरों को साथ लेकर साथियों ने पूरे इलाके में मांगपत्रक आंदोलन के तहत 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलने के बारे में पोस्टर लगाए।
“मेहनतकश जन जागो, अपना हक लड़कर मांगो!”
मांगपत्रक आन्दोलन के तहत उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन ने बादली औद्योगिक क्षेत्र के राजा विहार, सूरजपार्क, संजय कॉलोनी तथा रोहिणी सेक्टर 26 और 27 एवं शाहाबाद डेयरी की मज़दूर बस्ती के साथ ही नरेला-बवाना औद्योगिक क्षेत्र के बवाना जे.जे. कॉलोनी, मेट्रो विहार, होलंबी कलां, शाहपुर गढ़ी, भोरगढ़, नरेला जे.जे. कॉलोनी में मज़दूर जुटान की गति को तेज कर दिया है। इसी के तहत, आज सुबह शाहाबाद डेयरी के मदर डेयरी चौक पर पर्चा वितरण किया गया। ‘6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलो’ के पर्चे को ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने जलाने की कोशिश की, जिसे अभियान के साथियों और व्यापक मज़दूर आबादी ने नाकाम करते हुए मज़दूर एकता ज़िन्दाबाद के नारे भी लगाये।
उद्योग नगर, भीम नगर में मज़दूरों को ६ फरवरी का आह्वान
उद्योग नगर, भीम नगर में मज़दूरों को ६ फरवरी का आह्वान
मांगपत्रक आंदोलन: बाहरी दिल्ली में दीवार-लेखन और जनसभा व पर्चा वितरण जारी
कल रात उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन तथा स्त्री मज़दूर संगठन मांगपत्रक आंदोलन की ओर से शाहाबाद डेयरी के बी-ब्लॉक बस स्टॉप के पास तथा सेक्टर-26 रोहिणी में दीवार लेखन किया गया तथा 6 फरवरी को मज़दूरों की मांगों के समर्थन में बड़ी संख्या में लोगों से ‘दिल्ली सचिवालय चलो’ का पर्चा वितरित किया गया। इसके बाद, आज सुबह शाहाबाद डेयरी के ई-ब्लॉक की झुग्गी बस्ती में प्रचार कार्य, जनसभाएं, पर्चा वितरण करके मांगपत्रक आंदोलन के बारे में बताया गया और एकजुट होकर दिल्ली सचिवालय पहुंचने का आह्वान किया गया।