उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में सघन और व्यापक हुआ मज़दूर मांगपत्रक आन्दोलन का अभियान
दिल्ली, 24 जनवरी। अगले माह की 6 तारीख को दिल्ली सचिवालय पहुंचकर मुख्यमंत्री केजरीवाल को मज़दूरों की मांगने सौंपने की तारीख करीब आने के साथ-साथ दिल्ली का मज़दूर मांगपत्रक आन्दोलन भी सघन और व्यापक होता जा रहा है। जगह-जगह पोस्टर लगाए जा रहे हैं, मज़दूरों से संपर्क किया जा रहा है, जनसभाएं, पर्चा-वितरण आदि पहले की तरह जारी हैं। आज इसी क्रम में उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन व स्त्री मज़दूर संगठन के कार्यकर्ता बादली रेलवे स्टेशन, बादली आद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 27, रोहिणी की बस्ती पहुंचे।
सुबह की ठंड के बावजूद यूनियन के कार्यकर्ताओं के गर्मजोशी भरे नारों और भाषण के कारण आज सुबह बादली रेलवे स्टेशन पर आने वाले लोगों ने उन्हें तुरंत घेर लिया और ध्यान से उनकी बातें सुनने लगे और पर्चे लिए। साथियों ने बताया कि ‘माँगपत्रक आन्दोलन’ के समर्थन में दिल्ली के तमाम ओद्योगिक और मज़दूरों के रिहायशी इलाकों में यह अभियान चलाया जा रहा है। दिल्ली के एक-एक मज़दूर तक अपनी बात पहुंचाते हुए मज़दूरों को माँगपत्रक आन्दोलन के साथ जोड़ा जायेगा। देश की राजधानी दिल्ली की चमक-दमक के पीछे जिस मज़दूर आबादी की मेहनत और खून-पसीना लगा है आज उसे ख़ुद खड़ा होकर अपनी आवाज़ बुलन्द करनी होगी। जो वायदे अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के मज़दूरों के सामने किये हैं उन्हें सरकार ख़ुद नहीं पूरा करने वाली बल्कि मज़दूरों को अपनी फ़ौलादी एकजुटता और जुझारू संघर्ष के दम पर इन अधिकारों को हासिल करना होगा। क्योंकि चुनावी वायदे तो सभी सरकारें करती आयी हैं किन्तु ये वायदे जल्द ही भुला दिये जाते हैं, लेकिन कोई पार्टी इतने ठोस रूप में ऐसे वायदे करती है जैसा ‘आप पार्टी’ ने किया है तो मज़दूरों को जल्द से जल्द दबाव बनाकर इन किये गये चुनावी वायदों को पूरा करवाना चाहिए।
इसके बाद यूनियन के कार्यकर्ताओं का जत्था बादली रेलवे स्टेशन पर मेट्रो निर्माण में सलंग्न मज़दूरों के बीच अपनी बात, अपने पर्चे लेकर गए और आन्दोलन में शामिल होने की इच्छा जताने वाले मेट्रो मज़दूरों के नाम पते दर्ज किए। यहां से उत्तर-पश्चिम दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के साथी रोहिणी की सर्वाधिक उपेक्षित बस्तियों में से एक सेक्टर-27 की बस्ती में 6 फरवरी के मांगपत्रक आन्दोलन में शामिल होने का आह्वान करने वाले पोस्टर लगाए गए। दोपहर जब मज़दूरों को लंच के लिए अपने-अपने कारखानों से आने का मौका मिलता है, तब ये साथी बादली औद्योगिक क्षेत्र के गेट नं 2 के सामने प्रचार-सम्पर्क के लिए पहुंचे। बादली औद्योगिक क्षेत्र में स्टील की पत्तियां, बर्तन, ड्रम आदि बनाने, प्लास्टिक के दानों के, बिजली के सामानों के कारखाने बड़ी संख्या में हैं और यहां श्रम कानूनों को ताक पर रखते हुए मज़दूरों की मेहनत लूटी जाती है, जिसके दम पर ऐश्वर्य की मीनारे खड़ी होती हैं।